Wednesday 27 January 2016

india bhoogol knowlege. justgoyaar. here about indian river. bharat ki nadiya

भारत की नदियाँ भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :- 1. हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ 2. दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ 3. तटवर्ती नदियाँ 4. अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्‍लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्‍तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्‍थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ्‍ नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी प्रकृति की हैं। हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्‍य प्रणाली सिंधु और गंगा ब्रह्मपुत्र मेघना नदी की प्रणाली की तरह है। सिंधु नदी विश्‍व की महान, नदियों में एक है, तिब्बत में मानसरोवर के निकट से निकलती है और भारत से होकर बहती है और तत्‍पश्‍चात् पाकिस्तान से हो कर और अंतत: कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है। भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी सहायक नदियों में सतलुज (तिब्‍बत से निकलती है), व्‍यास, रावी, चिनाब, और झेलम है। गंगा ब्रह्मपुत्र मेघना एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्रणाली है जिसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकर गंगा बन जाती है। यह उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार और प.बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाडियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्‍य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्भा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है। गंगा सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी, और सोन; गंगा की महत्‍वपूर्ण सहायक नदियाँ है। चंबल और बेतवा महत्‍वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश में मिलती है और पद्मा अथवा गंगा के रुप में बहती रहती है। ब्रह्मपुत्र ब्रह्मपुत्र तिब्बत से निकलती है, जहाँ इसे सांगणो कहा जाता है और भारत में अरुणाचल प्रदेश तक प्रवेश करने तथा यह काफ़ी लंबी दूरी तय करती है, यहाँ इसे दिहांग कहा जाता है। पासी घाट के निकट देबांग और लोहित ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है और यह संयुक्‍त नदी पूरे असम से होकर एक संकीर्ण घाटी में बहती है। यह घुबरी के अनुप्रवाह में बांग्लादेश में प्रवेश करती है। ब्रह्मपुत्र सहायक नदियाँ भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ सुबसिरी, जिया भरेली, घनसिरी, पुथिभारी, पागलादिया और मानस हैं। बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र तिस्‍त आदि के प्रवाह में मिल जाती है और अंतत: गंगा में मिल जाती है। मेघना की मुख्‍य नदी बराक नदी मणिपुर की पहाडियों में से निकलती है। इसकी महत्‍वपूर्ण सहायक नदियाँ मक्‍कू, ट्रांग, तुईवई, जिरी, सोनई, रुक्‍वी, कचरवल, घालरेवरी, लांगाचिनी, महुवा और जातिंगा हैं। बराक नदी बांग्‍लादेश में भैरव बाज़ार के निकट गंगा-‍ब्रह्मपुत्र के मिलने तक बहती रहती है। दक्‍कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्‍यत पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। गोदावरी, कृष्‍णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी का दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र 10 प्रतिशत भाग है। इसके बाद कृष्‍णा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्‍थान है जबकि महानदी का तीसरा स्‍थान है। डेक्‍कन के ऊपरी भूभाग में नर्मदा का द्रोणी क्षेत्र है, यह अरब सागर की ओर बहती है, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं दक्षिण में कावेरी के समान आकार की है और परन्‍तु इसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है। कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्‍टा के निकट समुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है। राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्‍त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है। इसके अतिरिक्‍त कुछ मरुस्‍थल की नदियाँ होती है जो कुछ दूरी तक बहती हैं और मरुस्‍थल में लुप्‍त हो जाती है। ऐसी नदियों में लुनी और मच्‍छ, स्‍पेन, सरस्‍वती, बानस और घग्‍गर जैसी अन्‍य नदियाँ हैं। दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ दक्‍कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्‍यत पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। गोदावरी, कृष्‍णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्‍ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र 10 प्रतिशत भाग है। इसके बाद कृष्‍णा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्‍थान है जबकि महानदी का तीसरा स्‍थान है। डेक्‍कन के ऊपरी भूभाग में नर्मदा का द्रोणी क्षेत्र है, यह अरब सागर की ओर बहती है, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं दक्षिण में कावेरी के समान आकार की है और परन्‍तु इसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है।

No comments:

Post a Comment